हमें तुझसे नहीं तेरे अंदाज़ से डर लगता है
तेरे दिल में छुपी आवाज़ से डर लगता है
हर पल तेरे लहज़े से छलकता है जो
तेरे बेनाम जज्बात से डर लगता है
लाख छुपाता है तू जिसे ,पर जो छुपता ही नहीं
हमको तेरे उस एहसास से डर लगता
हर पल तेरी आँखों से झांकता है जो
तेरी पलकों में छुपे उस राज़ से डर लगता है .
तेरे दिल में छुपी आवाज़ से डर लगता है
हर पल तेरे लहज़े से छलकता है जो
तेरे बेनाम जज्बात से डर लगता है
लाख छुपाता है तू जिसे ,पर जो छुपता ही नहीं
हमको तेरे उस एहसास से डर लगता
हर पल तेरी आँखों से झांकता है जो
तेरी पलकों में छुपे उस राज़ से डर लगता है .