Tuesday, November 20, 2012

मेरा ख़ुदा है तू ,तू ही मेरा रसूल है
तेरे  बगैर क्या मेरा वज़ूद है
ज़िंदा हूँ जो मैं,तेरी रहमतें हैं ये
तेरे हाथों से तो मरना भी क़ुबूल है

एक उम्मीद उम्र भर का नासूर बन गयी  
अब हर चाह से डर लगता है .