Sunday, January 19, 2014

"हमारे हाल पे यूं हंसते हो ये भी ख़ूब रही
मगर ये याद रहे ख़ुद भी इसी कश्ती के सवार हो"

Saturday, January 18, 2014

"तुम्हारे साथ जिए जो पल,वो ही ज़िन्दगी थे
अब तो बस दिन गुज़ारते हैं मजबूरी तरह "
                             डॉ रचना गंगवार

Saturday, January 4, 2014

मेरे ख़ुदा, मैं ताउम्र तेरे हुक्म की गुलाम हूँ
तेरी हर नज़र पे "जी साहिब" कहूँगी मैं  .
                       डॉ रचना गंगवार "प्रेम"

Wednesday, January 1, 2014

तेरा हुक्म था कि मैं अश्क़ ना बहाऊँ कभी
जब भी रोना आता है मुस्करा देती हूँ मैं .
                                रचना "प्रेम"