Friday, February 24, 2012

आज फ़िर

याद कर तुझको भुलाया आज फ़िर
हमने दिल को आज़माया आज फ़िर
तुझे  देखने की तमन्ना लिए
अश्क़ आँखों ने बहाए आज फ़िर
तेरी बातें,तेरा ख्याल, तेरी चाहतें
और कुछ ना याद आया आज फ़िर
बाद मुद्दत के सुनी आवाज़ तेरी
शहद कानों में घुला है आज फ़िर
फ़िर तुझसे जीतने की कोशिश में
तेरी यादों ने हराया आज फ़िर
इस क़दर तेरी कमी महसूस की
हर पल तुझको पुकारा आज फ़िर
अनजाना शहर,अनजाने लोग,अनजानी हवा
लेकिन हर दम तुझे साथ पाया आज फ़िर
याद कर तुझको भुलाया आज फ़िर
अपने दिल को आज़माया आज फ़िर
                                      रचना गंगवार