मत पूछिए क्यों मेरी नींद रूठ गयी है
मेरी दुनिया में तेरी कोई चीज़ छूट गयी है
मेरे आईने में अब अक्स तेरा है,बस तेरा
मेरे चेहरे पर तेरी नज़र छूट गई है
सिरहन सी उठ रही है मेरी रूह तक में
मेरे हाथों पर तेरी छुअन छूट गयी है
तेरे लहज़े का ताब पिघला रहा था मुझे
मेरे जहन में तेरी अगन छूट गयी है
दिन गुज़रते रहे हैं,गुज़रते रहेंगे
मेरी ज़िन्दगी में तेरी लगन छूट गयी है
मत पूछिए क्यों मेरी नींद रूठ गयी है
मेरी दुनिया में तेरी कोई चीज़ छूट गयी है
मेरी दुनिया में तेरी कोई चीज़ छूट गयी है
मेरे आईने में अब अक्स तेरा है,बस तेरा
मेरे चेहरे पर तेरी नज़र छूट गई है
सिरहन सी उठ रही है मेरी रूह तक में
मेरे हाथों पर तेरी छुअन छूट गयी है
तेरे लहज़े का ताब पिघला रहा था मुझे
मेरे जहन में तेरी अगन छूट गयी है
दिन गुज़रते रहे हैं,गुज़रते रहेंगे
मेरी ज़िन्दगी में तेरी लगन छूट गयी है
मत पूछिए क्यों मेरी नींद रूठ गयी है
मेरी दुनिया में तेरी कोई चीज़ छूट गयी है