यूं तो अकेलेपन से मुझे अब डर तो नहीं लगता
पर ये सच है ,तेरा साथ हौसला बढाता है
यूं तो मैं अपने दुःख में खुद को समझा लेती हूँ
पर तेरे कंधे पर सिर रख कर ही दिल को सुकूं आता है
यूं तो इस भीड़ में भी तन्हा ही होती हूँ मैं
बस तू ही है जो मेरे अक्स में मिल जाता है