वो है हवा तू उसको थामता क्यों है
उस बेजिस्म को बांधता क्यों है
करेगा ज़िद तो कुछ भी नहीं पायेगा
उसकी एक नज़र से भी महरूम हो जायेगा
वो है साया तू उसको मांगता क्यों है
उस बेजिस्म को बांधता क्यों है.
उस बेजिस्म को बांधता क्यों है
करेगा ज़िद तो कुछ भी नहीं पायेगा
उसकी एक नज़र से भी महरूम हो जायेगा
वो है साया तू उसको मांगता क्यों है
उस बेजिस्म को बांधता क्यों है.