तेरा चुपचाप रह जाना मुझे अच्छा नहीं लगता
यूं महफ़िल से चले जाना मुझे अच्छा नहीं लगता
तेरी बेरुखी,बेगानगी मंजूर है लेकिन
तेरा आंख चुराना मुझे अच्छा नहीं लगता
सह लूंगी तमाम ग़म तेरे हिस्से के हंस कर मैं
अश्क,आँखों में तेरी आना मुझे अच्छा नहीं लगता
मान जाउंगी मैं ,जो तू मना लेगा मुझे
यूं मुझे भी रूठ जाना अच्छा नहीं लगता
मेरी दीवानगी की हद कलम काग़ज तक सिमटी है
प्यार महफ़िल में जताना मुझे अच्छा नहीं लगता
तेरा चुपचाप रह जाना मुझे अच्छा नहीं लगता
यूं महफ़िल से चले जाना मुझे अच्छा नहीं लगता
यूं महफ़िल से चले जाना मुझे अच्छा नहीं लगता
तेरी बेरुखी,बेगानगी मंजूर है लेकिन
तेरा आंख चुराना मुझे अच्छा नहीं लगता
सह लूंगी तमाम ग़म तेरे हिस्से के हंस कर मैं
अश्क,आँखों में तेरी आना मुझे अच्छा नहीं लगता
मान जाउंगी मैं ,जो तू मना लेगा मुझे
यूं मुझे भी रूठ जाना अच्छा नहीं लगता
मेरी दीवानगी की हद कलम काग़ज तक सिमटी है
प्यार महफ़िल में जताना मुझे अच्छा नहीं लगता
तेरा चुपचाप रह जाना मुझे अच्छा नहीं लगता
यूं महफ़िल से चले जाना मुझे अच्छा नहीं लगता