Saturday, December 17, 2011

ना मेरे बस का था

प्रेम की परिभाषा समझ पाना
ना तेरे बस का था,ना मेरे
मिलने की तड़प से बच पाना
ना तेरे बस का था,ना मेरे
हम -तुम दोनों चुप थे कुछ सवालों पर,क्योंकि
उन जवाबों से लड़ पाना
ना तेरे बस का था,ना मेरे
इस पाकीज़ा से रिश्ते में,क्या तेरा और क्या मेरा
एहसासों का हिसाब रख पाना
ना तेरे बस का था,न मेरे
मुझमें नापता था प्यार की गहराई,जाने क्यों
वो जानता था इसे पाना
ना उसके बस का था ना मेरे