Saturday, February 25, 2012

तू जवाब दे .......

क्यों मैं तुझसे कोई उम्मीद ना रखूँ ?
मुझको इस सवाल का जवाब दे 
उमर भर का साथ भी चाहिए 
हर रिश्ता,हर अधिकार भी चाहिए
पर,क्यों मैं तुझसे कोई आस ना रखूँ ?
मुझको इस सवाल का जवाब दे
मेरी  चाहतों पर हक तेरा हो 
तेरी  चाहतों पर हक मेरा हो 
यही फैसला लिया था हमने जब 
क्यों मैं तुझसे कोई चाह ना रखूँ ?
मुझको इस सवाल का जवाब दे 
मैं ज़िन्दगी की ज़रूरत हूँ तेरी 
तू भी मेरी दुनिया जहान है 
फिर क्यों मैं तेरा कोई ख़्वाब ना रखूँ ?
मुझको इस सवाल का जवाब दे
                                 रचना गंगवार