वो रिश्तों में ज़ाइक की बात करता था
मेरा वजूद मुझसे इत्तेफाक रखता था
उसके बाद किसी रिश्ते की गुंजाइश न रही
और वो था कि जाइके हज़ार रखता था
मेरा वजूद मुझसे इत्तेफाक रखता था
उसके बाद किसी रिश्ते की गुंजाइश न रही
और वो था कि जाइके हज़ार रखता था
मेरी हर ख़ुशी में,ग़म में बस तू ही काम आया , मेरे ख्याल मेरा लख्तेजिगर है तू , तनहा समझ रहे हैं मुझको ज़माने वाले , इनको ख़बर नहीं कि मेरा हमसफ़र है तू .