Wednesday, April 4, 2012

तुम ही तो हो ..................

मेरी गलतियों पर भी,मुझे गले लगा लेना
मेरे आंसुओं को,अपनी हथेलियों में छुपा लेना
मेरी सिसकियों को,अपने सीने से लगा लेना
मेरे जिद में रूठने पर भी,मुझको मना लेना
मेरी शिकायतों  पर,मुस्करा कर मेरा माथा चूम लेना
मुझे बाँहों में भर कर ,हर सवाल का जवाब देना
मेरे सिर को सहला कर,हर बात समझा देना
मेरी हर बुराई को,अपनी अच्छाई से मिटा देना
सच
तुम जैसा अपना,कोई मिला ही नहीं मुझको