यूं तो अकेलेपन से मुझे अब डर तो नहीं लगता
पर ये सच है ,तेरा साथ हौसला बढाता है
यूं तो मैं अपने दुःख में खुद को समझा लेती हूँ
पर तेरे कंधे पर सिर रख कर ही दिल को सुकूं आता है
यूं तो इस भीड़ में भी तन्हा ही होती हूँ मैं
बस तू ही है जो मेरे अक्स में मिल जाता है
लोगों को लगता वो अकेला है ,
ReplyDeleteकौन उन्हें बताए की वो खुद ही एक मेला है ,
jindgi yu hi badhati chali jati hai ..iska matlab yah nahi ki ham tanha nahi ..
ReplyDeleteachchi rachana
aur likho...aur likhte raho...
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