Saturday, January 4, 2014

मेरे ख़ुदा, मैं ताउम्र तेरे हुक्म की गुलाम हूँ
तेरी हर नज़र पे "जी साहिब" कहूँगी मैं  .
                       डॉ रचना गंगवार "प्रेम"

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